The perfect solution to prevent premature ejaculation ! बरगद का फल शीघ्रपतन रोकने का अचूक उपाय !

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दोस्तों दांपत्य जीवन की गाड़ी को सही मार्ग पर चलाते रहने के लिए पति पत्नी दोनों का आपस में एक दुसरे को समझना बहुत ही जरूरी होता हो, जहाँ प्यार होता है वहां तकरार भी होती है, इसलिए एक दुसरे की छोटी छोटी गलतियों को हमेशा नजरअंदाज कर देना चाहिए, मगर विवाहित जीवन में दरार आने के एक दूसरी वजह भी होती है, पुरुषों में शीघ्रपतन, जल्दी थक जाना और पौरुष शक्ति की कमी, और औरत से पहले ही चरम पर पहुँच जाना |

वैसे तो बाजार पौरुष शक्ति बढ़ने का दावा करने वाली कई तरह की दवाएं उपलब्ध है, मगर इनसे कई प्रकार के साइड-इफेक्ट होने का खतरा रहता है, और इन दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से कभी कभी व्यक्ति के नपुंशक हो जाने का डर भी रहता है, पौरुष शक्ति बढाने के लिए आयुर्वेद में कई तरह के कामयाब इलाज और नुस्खे बताये गए हैं, इनका प्रयोग करने से किसी भी प्रकार के साइड- इफेक्ट का डर नहीं रहता है और शीघ्रपतन और कमजोरी से सदा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है |

अगर आप भी नामर्दी और शीघ्रपतन की बिमारी से परेशान हैं, तो आपको हम आयुर्वेद में बताये गए एक घरेलू इलाज के बारे में बताते हैं, जिसका इस्तेमाल करके आप अपनी इस कमजोरी से छुटकारा पा सकते है, और अपने विवाहित जीवन की रंगीनियों को हमेशा के लिए बरकरार रख सकते हैं, आपने बरगद के बड़े और छायादार पेड़ तो देखे ही होंगे, इसकी बड़ी बड़ी और मजबूत जड़ों की लताओं को पकड़ के बच्चे झुला झूलते हैं, इसी पेड़ में पौरुष शक्ति बढ़ाने का राज भी छुपा हुआ है, आइये इस बारे में जानते है |

शहरों में जहाँ पुरुष अपनी पौरुष शक्ति बढ़ाने के लिए वायग्रा और इसी तरह की महँगी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, वहीँ गांवों में आज भी इसके लिए बरगद के पेड़ से इसका इलाज किया जाता है, आपने बरगद के पेड़ पर लगने वाले छोटे छोटे फलों को तो देखा ही होगा, बरगद के इस फल से शीघ्रपतन, काम की अनिच्छा, काम वाशना की कमी, कमजोर स्पर्म, वीर्य का पतलापन, स्वप्नदोष, प्रमेह आदि व्याधियों का इलाज सफलता पूर्वक किया जा सकता है,

बरगद के फल इस्तेमाल करने का तरीका :
बरगद के फलों को को तोड़ें और छायादार जगह में कपड़ा बिछाकर इन्हें सुखा लें, सुख जाने पर इन फलों को पत्थर की खरल में या पत्थर की शिला पर पीस कर इसका चूर्ण बना लें, फिर इस पावडर को वजन करें और इसमें इसके बराबर ही पीसी हुई मिश्री मिलाएं, और इस मिश्रण को मट्टी के बर्तन में डाल कर रखें, फिर रोजाना सुबह और शाम एक चम्मच पावडर गुनगुने दूध के साथ मिलाकर खाए, इस बात का विशेष ध्यान रखें की इस फल को पत्थर पर पीसना है और इसे मट्टी के बर्तन में रखना है, कुछ दिन के इस्तेमाल से ही आपको इसकी ताकत का अंदाज हो जायेगा |

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