Dhan Guru Darshan - Yoga

।। धन नानक ।।

।। धन गुरु दर्शन ।।


।। नानक नाम चढ़दी कला, तेरे भाणे सरबत दा भला ।।


जिस घट प्रगटी ज्योत इलाही,

नाम नानक धार के,

तिस घट कदे सांझ ना वसदी,

सतगुरु दर्शन आखदे ।


दास रवि भी तुझे धियाये, 

कर किरपा, कौ करम कमावे,

आेंट चड़विंडा दर्शन पाके,

रोम रोम में ज्योत जगावे ।


सभ जीवां नू गुरु पूरब दी लख लख बधाई । 


जय जय


दास रवि कान्त पायलट

योगाचार्य

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