Ek ghazal

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गहरी - गहरी काली आँखें
नटखट - सी मतवाली आँखें

चंचल - सी मदमस्त नशीली
ज्यूँ मदिरा की प्याली आँखें

जाने कितनी बातें हो लीं
आँखों में जब डाली आँखें

पलकें यूँ झपकाती , मानो
जगमग दीप, दीवाली आँखें

मैंने पूछा - क्या लगता हूँ
उसने जरा झुकाली आँखें

तुम से सब रौशन है 'अंशु'
तुम बिन खाली-खाली आँखें

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