Ek sher

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दोस्तो, मतला एक शे'र आपके हवाले


किसी की आँख के आँसू कहाँ हैं पोछने वाले
मिले हर मोड़ पे पर तितलियों के नोचने वाले

न रिश्तों में बचीं गर्माहटें बीते दिनों की अब
हुआ ये क्यों कभी तो सोचिए ऐ सोचने वाले

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