विधाता की अदालत में वक़ालत बड़ी प्यारी है ख़ामोश रहिये ..कर्म कीजिये आपका मुकदमा ज़ारी है। अपने कर्म पर विश्वास रखिए राशियों पर नही....! राशि तो राम और रावण की भी एक ही थी.....! लेकिन नियती ने उन्हें फल उनके कर्म अनुसार दिया!