दिल्ली में बार-बार छोटे बच्चों या बच्चियों के साथ दुष्कर्म के केस दिन-ब-दिन पढ़ते जा रहे हैं और इनकी रिपोर्ट्स के आधार पर अगर बात की जाए तो हर दिन कम से कम 2 केस रोजाना दर्ज हो रहे हैं इसको देखकर प्रशासन भी काफी गंभीर हो चुका है कि आखिर इसमें कमी क्यों नहीं आ रही है कुछ आला अधिकारियों ने इस मामले में अपनी राय दी है और यह कहा है कि इन सारे मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।
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मगर कुछ पुलिस की तरफ से भी कुछ कमियां हो रही है तू कहे तो बहुत ही सुस्ती हो रही है और यह भी कहा गया है कि जब छोटे बच्चों को लेकर दुष्कर्म के के सामने आते हैं तो उसी के मां बाप अपनी औलाद को इसका जिम्मेदार ठहरा देते हैं मगर ऐसे लोगों की तादाद बहुत कम है मगर यह बिल्कुल सच है कि ऐसे भी लोग हैं जो इन सब केस को सीरियस नहीं लेते और अपने बच्चों को दोष देकर मामले को रफा-दफा।
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कर देते हैं जिसकी वजह से सही सही जानकारी न पुलिस तक पहुंचती है ना प्रशासन पुलिस प्रशासन तक कोई जानकारी सही-सही नहीं पहुंचेगी तो कैसे एक्शन लेगी इन्हीं बात को लेकर बहुत ही गंभीर चर्चा चल रही है कि आगे आने वाले वक्त में इन सब घटनाओं पर कैसे रोक लगाई जाए यह सारे मामले बहुत गंभीर है इसके बारे में सोचना चाहिए और एकता को देखते हुए मां बाप को भी अपनी औलाद की सेफ्टी के ।
लिए कुछ ना कुछ करना चाहिए जमाना बहुत ही बुरा है तो हमें अपने ही बच्चों को तैयार करना चाहिए कि वह कभी इन सारे हादसों का शिकार ना हो मैं सभी बच्चों के लिए यही दुआ करती हूं कि उनके साथ भी ऐसा घिनौना काम उन्होंने घटना सामने आए बच्चों की उम्र बहुत छोटी होती है यह सारी चीजें वह बर्दाश्त नहीं कर सकते कम से कम अपनी औलाद के लिए तो कुछ ना कुछ हमें करना ही होगा।