जिंदगी ★ कमाल है ना !

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आँखे तालाब नहीं, फिर भी, भर आती हैं,
दुश्मनी बीज नहीं, फिर भी, बोयी जाती है,

होंठ कपड़ा नहीं, फिर भी, सिल जाते हैं,
किस्मत सखी नहीं, फिर भी, रूठ जाती है,

बुद्धी लोहा नहीं, फिर भी, जंग लग जाती है,
आत्मसम्मान शरीर नहीं, फिर भी, घायल हो जाता है,

और

इंसान मौसम नहीं, फिर भी, बदल जाता है...।

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