एक सीधा सादा बिहारी सब्जी वाला मोहल्ले में सब्जी बेचता था.... बहुत सी महिलाएं उससे उधार लेती तो वो चुपचाप दे देता और अपनी कॉपी में लिख लेता था कि किसने कितने का उधार लिया..
.
आश्चर्य की बात यह थी कि उसने कभी किसी भी महिला का नाम नहीं पूछा था लेकिन फिर भी उधार लेने वाली महिला पूछती कि कितना पैसा देना बाकी है तो वो कॉपी छुपकर देखता और बता देता था....... महिलाओं को बहुत आश्चर्य होता था कि वह बिल्कुल सही सही कैसे बता देता है !
.
एक दिन उसकी नजरों से छिपाकर महिलाओं ने उसकी कॉपी गायब कर दी, पढ़ा तो उसमें लिखा था :
बिलइया ₹. 20
नकचिपटी ₹. 18
चितकबरी ₹. 15
मोटकी ₹. 40
संवरकी ₹. 20
पतरकी ₹. 10
भैंसिया ₹. 22
कुकुर वाली ₹. 50
बन्दरमुंही ₹. 35
बकबकही ₹. 12
दंतुलि ₹. 10
मुँहटेंढि ₹. 15
कनढेरी ₹. 28
बहिरी ₹. 60
भुअर्की ₹. 30