सुप्रभात

"जो सहन करते हैं..
वहीँ शहेंशाह बनते हैं....."

”चन्द्रगुप्त ने पुछा
अगर किस्मत पहले ही लिखी जा चुकी है तो,
कोशिश कर के क्या मिलेगा ?
चाणक्य ने कहा
क्या पता किस्मत में लिखा हो की,
कोशिश करने से ही मिलेगा...!”

“आँसू जानते हैं कौन अपना है,
तभी तो अपनों के सामने टपक जाते है।
मुस्कुराहट का क्या है,
वह तो ग़ैरों से भी वफ़ा कर लेती है..!”

🍁🍁🍁 सुप्रभात 🍁🍁🍁

H2
H3
H4
3 columns
2 columns
1 column
Join the conversation now
Logo
Center