हमे दुनिया में रहकर दो रिश्तो को निभाना पड़ता है, पहला जो हमारे पैदा होने से पहले के रिश्ते #खून के, जैसे माँ, बाप, भाई, बहन आदि ।
इन्हें हमे न चाह कर भी निभाना पड़ता है ।
दूसरा जो हमारे पैदा होने के बाद हम खुद बनाते है, #दोस्ती का
ये एक ऐसा रिश्ता हे, जिसको हम सबसे बाद में जानते है, लेकिन सबसे ज़्यादा जान जाते है और इस रिश्ते की ख़ासियत ये होती है इसको हम खुद चुनते है बिना किसी दबाव के, और खुद निभाते है, बिना किसी स्वार्थ के ।
अच्छा वक़्त हो या बुरा ये एक ऐसा रिश्ता हे, जो कभी साथ नहीं छोड़ता ।
शुक्रिया सभी मेरे दोस्तों को मेरे साथ देने के लिए, ज़िन्दगी के उतार, चढाओ में ।
कदर करो ऐसे रिश्ते की ।।