भगवान है कहां रे तू – Bhagwan Hai Kahan Re Tu

है सुना ये पूरी धरती तू चलाता है
मेरी भी सुन ले अरज मुझे घर बुलाता है
भगवान है कहां रे तू हे खुदा है कहां रे तू
है सुना तू भटके मन को राह दिखाता है
मैं भी खोया हूं मुझे घर बुलाता है
भगवान है कहां रे तू हे खुदा है कहां रे तू

मैं पूजा करूं या नमाजें पढूं
अरदासें करूं दिन रैन
ना तू मंदिर मिले, ना तू गिरजे मिले
तूझे ढूंढे थके मेरे नैन
तूझे ढूंढे थके मेरे नैन
तूझे ढूंढे थके मेरे नैन
जो भी रसमें हैं वो सारी मैं निभाता हूं
इन करोड़ों की तरह मैं सर झुकाता हूं
भगवान है कहां रे तू हे खुदा है कहां रे तू

तेरे नाम कई, तेरे चेहरे कई
तूझे पाने की राहें कई
हर राह चला पर तू ना मिला
तू क्या चाहे मैं समझा नहीं
तू क्या चाहे मैं समझा नहीं
तू क्या चाहे मैं समझा नहीं
सोचे बिन समझे जतन करता ही जाता हूं
तेरी जिद सर आंखो पर रख के निभाता हूं
भगवान है कहां रे तू हे खुदा है कहां रे तू
है सुना ये पूरी धरती तू चलाता है
मेरी भी सुन ले अरज मुझे घर बुलाता है
भगवान है कहां रे तू हे खुदा है कहां रे तू
भगवान है कहां रे तू हे खुदा है कहां रे तू

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