पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त गुरुवार शाम 5:05 बजे उन्होंने एम्स में अंतिम सांस ली। 93 साल की अटल 11 जून से भर्ती थे। 9 हफ्ते से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी। लेकिन आखिरी 36 घंटे के दौरान तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई। इस दौरान उन्हे लाईफ सर्पाट सिस्टम पर रखा गया।
उनके निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। गुरुवार रात पार्थिव शरीर उनके कृष्ण मेनन स्थित आवास पर रखा गया। अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह 9:00 बजे भाजपा मुख्यालय लाया जाएगा। जहां से दोपहर 1:00 बजे अंतिम यात्रा शुरू होगी। शाम 4:00 बजे अंतिम संस्कार होगा।
उनका स्मारक बनने के लिए विजय घाट के पास करीब डेढ़ एकड़ जमीन आवंटित की गई है। राजनीति से सन्यास लेने के बाद 2009 में उनकी आवाज नहीं सुनी गई। स्ट्रोक से उनकी यादाश्त कमजोर हो गई थी, जो बाद में डिमेंशिया बन गई। उनकी एक किडनी ही काम करती थी।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 93 साल की उम्र के बीच के किस्से !!
🖋️15 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में पैदा हुए पिता श्री कृष्णविहारी शिक्षक थे
🖋️ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से इंटर किया । कानपुर के डीएनवी कॉलेज से राजनीतिशास्त्र से ग्रेयूएशन की।
🖋️अटल ने लॉ की है। पढ़ाई पिता कृष्ण बिहारी के साथ कि दोनों एक साथ रहते थे । और एक और एक साथ क्लास जाते थे बीच में उन्होंने लॉ पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
🖋️अटल क्लास में नहीं होते तो प्रोफेसर पूछ बैठते, पंडित जी, साहबजादे कहां है । वे जवाब देते कमरे की कुंडी लगा आते ही होंगे ।
🖋️1980 में भाजपा की नींव रखी 1984 में चुनाव हारे । 1996 में पहली बार PM बने, सिर्फ 13 दिन ही सरकार चल पाई 19 मार्च 1998 में दोबारा PM बने ।
🖋️फिर 13 मार्च 1999 को तीसरी बार 5 साल चलने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार चलाई । 2005 में सक्रिय राजनीति से सन्यास की घोषणा की।
🖋️भाजपा के एकमात्र नेता: नेहरू जिनकी तारीफ करते थे, इंदिरा चला लेती थी और नरसिम्हा राव ने यूएन भेजा।
🖋️₹सबसे लंबे समय तक सांसद रहने का रिकॉर्ड : 10 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा पहुंचे, कुल 50 साल सांसद रहे।
🖋️सबसे लंबी राजनीतिक पारी : 1952 से 2008 तक, यानी 56 साल सक्रिय राजनीति में रहे ।
🖋️पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री: जो 5 साल सरकार चलाने में सफल रहे।