आचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के अवतरण दिवस (शरद पूर्णिमा) की आप सभी को कोटि कोटि बधाई

इक चाँद खिला था अम्बर में,
एक चाँद जमीं पर आया था।
शरद पूर्णिमा पर गुरुवर,
ये कैसा जादू छाया था।
तुम ज्ञानपुंज थे दागरहित,
विद्याधर नाम कहाया था।
तुम्हरी आभा पर हो नतमस्तक,
अम्बर का चाँद लजाया था।

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वर्तमान युग के वर्धमान, महातपस्वी,महाज्ञानी,महाध्यानी,भगवान महावीर के लघुनन्दन,प्रातः स्मरणीय परमपूज्य आचार्य भगवंत 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज के अवतरण दिवस (शरद पूर्णिमा) की आप सभी को कोटि कोटि बधाई एवं शुभकामनाएं।

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